INTERNATIONAL RESEARCH JOURNAL OF SCIENCE ENGINEERING AND TECHNOLOGY

( Online- ISSN 2454 -3195 ) New DOI : 10.32804/RJSET

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पिछड़ी जातीय महिलाओं में षिक्षा के प्रति जागरुकता

    1 Author(s):  DR.SEEMA PANDAY

Vol -  6, Issue- 2 ,         Page(s) : 23 - 27  (2016 ) DOI : https://doi.org/10.32804/RJSET

Abstract

स्वतंत्रता के बाद महिलाओं की स्थिति में व्यापक सुधार हो रहा है। स्वतंत्रता के समय महिलाओं की साक्षरता प्रतिषत 8ण्86 था जबकि वर्तमान में 65ण्46 प्रतिषत हो गया है। महिलाओं के साथ जुड़ी सभी समस्याओं का सीधा सम्बन्ध उनकी षैक्षिक स्थिति से जुड़ा हुआ है क्योंकि समाज में हो रहे भ्रूण हत्या, घरेलू हिंसा, दहेज, बाल विवाह, वेष्यावृत्ति आदि बुराईयों से महिलाएं षिक्षित हुए बिना नही लड़ सकती। महिलाए समाज में समानता का अधिकार षिक्षा के माध्यम से ही प्राप्त कर सकती हैं। पिछड़ी जाति वर्ग तथा महिलाएँ प्राचीन काल से ही षोशित रही हैं।

  1. अल्तेकर एम0 एम0, ‘‘प्राचीन षिक्षण पद्धति‘‘ बनारस-1934 पृ02 
  2. सिंह रमा षिक्षित, ‘हिन्दू महिलायें एंव धर्म, ‘‘बी0 आर0 पब्लिषिंग कार्पोरेषन, दिल्ली, पृश्ठ-93 
  3. अनीता मोदी, ‘‘महिला सषक्तिकरण विविध आयाम‘‘ 2011, वाईकिंग बुक्स, जयपुर। 
  4. रमा मेहता, ‘‘द वेस्टर्न एजुकेटेड हिन्दू वूमन‘‘, 1970-बम्बई एषिया पब्लिषिंग हाउस।

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